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Sri Krsna Bhajan/Piya Tod Do Bandhan Aaj/पिया तोड़ दो बंधन आज
автор:
Vinod Agarwal
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[bad word] myzika_indii पिया तोड़ दो बंधन आज कि अब रूह मिलना चाहती है पिया दिल की ये ही आवाज ..कि अब रूह मिलना चाहती है आस उम्मीद तुज पे है रक्खी मुझमे नहीं है कुछ भी मेरा ... कबसे है रक्खा दिल चरणों मे तेरे प्यार का जाम कहाँ है तेरा अब देर न कर भर्तार .... पिया तोड़ दो बंधन आज कि अब रूह मिलना चाहती है पिया दिल की ये ही आवाज ..कि अब रूह मिलना चाहती है आशिक पिया वोही हैं जलते जो होंठों पे रखते हैं ताने आई लहर जो मस्ती भरी दिल संभले न लाख संभाले मेरे वश मे नहीं जज्बात ..कि अब रूह मिलना चाहती है . पिया तोड़ दो बंधन आज कि अब रूह मिलना चाहती है पिया दिल की ये ही आवाज ..कि अब रूह मिलना चाहती है
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